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Facebook Viral "सोनम गुप्ता बेवफा है" जानिये क्या है इसकी "Real Story"

दोस्तों सोनम गुप्ता बेवफा है इसकी क्या स्टोरी है ये आप जरुर जानना चाहते होगे . जब से 1000 और 500 रुपये की नोट बंद हुए है तब सोशल मीडिया में"सोनम गुप्ता बेवफा है"ऐसे बहुत से नोट की pictures आपको देखने को मिल रही होगी. लेकिन इसके पीछे की क्या कहानी है ये अभी तक आपको नहीं पता होगी तो आज हम आपको इस पोस्ट से बता रहे है की सोनम गुप्ता बेवफा है क्या है इसकी रियल स्टोरी. जब ये 500 और 1000 के नोट पर बैन हुआ है तभी से सोनम गुप्ता वाले नोट बहुत तेजी से viral हो रहे है. तो चलिए जानते है इसका राज

सोनम गुप्ता बेवफा है की  "Love Story"♡♥❦

बात है 2008 की उस समय सोनम गुप्ता का इन्टर पूरा हुआ था. और इन्टर करने के बाद आगे के फार्म भारी का समय था. तो इसी वजह से साइबर कैफे के रोज़ ही चक्कर लग रहे थे. गुप्ता अंकल का ये मानना था की अगर घर में इन्टरनेट लगवा लेगे तो बच्चे बिगड़ जायेगे इसी वजह से गुप्ता अंकल ने घर में internet नहीं लगवाया था और साइबर कैफे के चक्कर लगते थे
विक्की भैया बीकॉम के तीसरे साल में बहुत मुश्किल से पहुचे थे.  विक्की भैया के dost तो बहुत थे लेकिन एक जिगरी dost थे जिसका नाम था अतुल. अतुल की अभी तुरंत ही शादी हुई थी जिसकी वजह से वो बेडरूम से बाहर निकलने का नाम ही नहीं लेते थे अब विक्की भैया अकेलापन महसूस करने लगे थे अकेलापन दूर करने के लिए विक्की भैया ने फेसबुक का सहारा ले लिया और फिर क्या वो रोज साइबर कैफे जाने लगे, साइबर कैफे में आधे घंटे के 10 रुपये लगते थे.

रोज शाम को 5 बजे सोनम गुप्ता साइबर कैफे जाती थी और आधे घंटे बाद गुप्ता अंकल अपने स्कूटर से सोनम गुप्ता को लेने आते थे. और आधे घंटे का 10 रुपये देकर सोनम गुप्ता अंकल के साथ घर चली जाती थी. वैसे तो विक्की भैया रात 8 बजे साइबर कैफे में जाते थे लेकिन एक दिन वो जल्दी पहुच गए और सोनम गुप्ता को देखा बस फिर क्या विक्की भैया ने अपना टाइम change कर लिए अब वो शाम 5 बजे साइबर कैफे में जाने लगे वो बिलकुल सोनम गुप्ता के सामने वाले कंप्यूटर में बैठते थे और सोनम गुप्ता को ही निहारते रहते थे
internet सोनम गुप्ता के लिए एक नया खिलौने जैसा था वो कोई नयी चीज देखती थी तो कंप्यूटर में ऐसी आंखे फाड़ फाड़ देखती और मुस्कुरा देती इसे देखकर विक्की भैया का अकेलापन दूर हो जाता था ऐसे ही करते करते ७ दिन गुजर गए



अब 8 वें दिन सोनम गुप्ता अपने कंप्यूटर में जल्दी जल्दी टाइप कर रही थी जिसकी आवाज पूरे साइबर कैफे में गूँज रही थी कभी टाइप करते मुस्कुरा भी देती  कभी तेजी से ब्लश करती या फिर मुस्कान को दातों से काट लेती. यही काफी देर से चल रहा था विक्की भैया भी सामने वाले कंप्यूटर की स्क्रीन में बैठे थे फिर क्या हुआ एक दम से सोनम गुप्ता की आंखे विक्की भैया से मिल गयी विक्की भैया बेहोश. विक्की भैया खयाली पुलाव पकाने लगे  उन्होंने तो फ्यूचर प्लानिंग कर डाली और सोचने लगे की वो गुप्ता अंकल से सोनम गुप्ता का हाथ मांग लेगे  अगर हाथ मांगेगे तो गुप्ता अंकल क्या कहेगे ऐसे बहुत से सवाल उनके मन में आने लगे

तभी गुप्ता अंकल ने अपने स्कूटर का हॉर्न दिया सोनम एक घबरा गयी और जल्दी जल्दी टाइप करने लगी गुप्ता अंकल ने फिर स्कूटर का हॉर्न दिया अब सोनम हड़बड़ी में वहां से उठकर चली गयी और गुप्ता अंकल के स्कूटर में बैठ कर घर चली गयी

अब विक्की भैया की नजर सोनम के कंप्यूटर में पड़ी वो हड़बड़ी में अपना फेसबुक अकाउंट वही पर खुला छोड़ गयी थी विक्की भैया को एक चैट विंडो खुली दिखी अब विक्की भैया अपने आप रोक नहीं पाए और सोनम गुप्ता के एक एक कर सभी  मैसेज पढ़ते गए जैसे जैसे वो मैसेज पढ़ रहे थे ऐसा लग रहा था उनके कलेजे में कोई जानवर के नुकीले पैर धस रहे हो तभी आधा घंटा पूरा हो गया था साइबर कैफे वाले ने आवाज लगे विक्की भैया टाइम बड़ा दू  क्या

विक्की भैया कुर्सी से उठे और बोले 'नहीं ' और अपने पर्स से 10 का नोट निकला और उस पर लिखा सोनम गुप्ता बेवफा है और साइबर कैफे में वो 10 का नोट थमाकर चले गए

तो ये थी सोनम गुप्ता की real story


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